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हरिद्वार: अध्यात्म, संस्कृति और प्रकृति का अद्भुत संगम


हरिद्वार, उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जिसे भारत के सात सबसे पवित्र नगरों (सप्तपुरी) में स्थान प्राप्त है। "हरि का द्वार" यानी भगवान विष्णु का द्वार माने जाने वाला यह शहर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।


हरिद्वार का धार्मिक महत्व

हरिद्वार वह स्थान है जहाँ से गंगा नदी हिमालय से मैदानों में प्रवेश करती है। मान्यता है कि यहाँ अमृत की बूंदें कुंभ के समय गिरी थीं, इसी कारण यहाँ हर 12 वर्ष में कुंभ मेला और हर 6 वर्ष में अर्धकुंभ मेला आयोजित होता है। लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर गंगा स्नान कर मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग तलाशते हैं।


प्रमुख धार्मिक स्थल

  1. हर की पौड़ी
    यह हरिद्वार का सबसे प्रसिद्ध घाट है जहाँ प्रतिदिन संध्या समय गंगा आरती होती है। दीपों की रोशनी और मंत्रोच्चार का वातावरण आत्मा को शांति प्रदान करता है।

  2. मनसा देवी मंदिर
    यह मंदिर शंखाचल पर्वत की चोटी पर स्थित है, जहाँ मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी मनसा की पूजा होती है। यहाँ तक पहुँचने के लिए रोपवे या पैदल यात्रा की जा सकती है।

  3. चंडी देवी मंदिर
    नील पर्वत पर स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा के चंडी स्वरूप को समर्पित है। यहाँ भी रोपवे की सुविधा उपलब्ध है।

  4. माया देवी मंदिर
    हरिद्वार का एक प्राचीन मंदिर जो माँ माया को समर्पित है और यह माना जाता है कि हरिद्वार का प्राचीन नाम "मायापुरी" इसी से पड़ा।


प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण

हरिद्वार केवल तीर्थस्थल ही नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है। यहाँ की हरी-भरी पहाड़ियाँ, गंगा के किनारे बसे घाट, और राजाजी नेशनल पार्क की हरियाली सैलानियों को आकर्षित करती है। राजाजी नेशनल पार्क में हाथी, बाघ, हिरण आदि जंगली जीवों को देखने का अवसर भी मिलता है।


हरिद्वार में क्या करें?

  • गंगा स्नान: पवित्र गंगा में डुबकी लगाना हर श्रद्धालु के लिए अनिवार्य माना जाता है।
  • गंगा आरती देखना: हर की पौड़ी की शाम की आरती एक अलौकिक अनुभव है।
  • योग और ध्यान: यहाँ कई योग केंद्र और आश्रम हैं जहाँ योग सीखने का अवसर मिलता है।
  • स्थानीय बाजारों में खरीदारी: यहाँ की पूजा सामग्री, रुद्राक्ष, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और स्थानीय हस्तशिल्प पर्यटकों को खूब लुभाती हैं।

कैसे पहुँचे हरिद्वार?

  • रेल मार्ग: हरिद्वार रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • सड़क मार्ग: दिल्ली से लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हरिद्वार सड़क मार्ग से भी आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) है, जो हरिद्वार से लगभग 40 किलोमीटर दूर है।

निष्कर्ष

हरिद्वार एक ऐसा शहर है जहाँ श्रद्धा, प्रकृति और संस्कृति का मिलन होता है। यहाँ आकर व्यक्ति न केवल अध्यात्म से जुड़ता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्राप्त करता है। यदि आप भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को महसूस करना चाहते हैं, तो हरिद्वार आपके लिए एक आदर्श स्थान है।


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